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 भाषाविभाग के अधीन उत्तरप्रदेशसंस्कृतसंस्थान द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष आइ ए एस जितेन्द्र कुमार (अपर मुख्य सचिव भाषा विभाग) की प्रेरणा से मान्य  निदेशक विनय श्रीवास्तव के निर्देशन में संचालित ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमनिर्माण योजना के अंतर्गत संचालित सद्यस्क सरल-संस्कृतसंभाषणकक्षा के अंतर्गत प्रेरणासत्र का शुभारंभ प्रशिक्षु अनय ने सरस्वती वंदना से किया। सत्र का संचालन संस्थान की प्रशिक्षिका डॉ० श्वेता बरनवाल ने किया। संस्थानगीतिका ज्योत्सना कुलकर्णी ने प्रस्तुत की। स्वागतभाषण व अतिथिपरिचय प्रशिक्षिक अमित कुमार तिवारी ने किया। संस्थानसमन्वयक दिव्यरंजन ने इतिवृत्त कथन में संस्थान के द्वारा चलाई जा रही विविध योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से बताया जिनमें ऑनलाइन संस्कृतप्रशिक्षण, गृहे-गृहे संस्कृत, पौरोहित्य, कर्मकाण्ड, सिविल सेवा प्रशिक्षण, ज्योतिष व योग प्रशिक्षण आदि प्रमुख हैं। 

 मुख्य अतिथि संस्कृतानुरागी, राष्ट्रप्रेमी दार्शनिक प्रवक्ता आचार्य नरेन्द्र महोदय ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कृत भाषा सम्पूर्ण ज्ञान को समाहित किये हुये हैं। योग शब्द संस्कृत का है और सम्पूर्ण योग में हैं। प्रत्येक योगी अप्रत्यक्ष रूप से संस्कृत पढ़ता  है। यह योग रूपी वृक्ष संस्कृत की भूमि से ही सुरक्षित है। उन्होने योग शब्द का विस्तारपूर्वक वर्णन किया तथा योग के लाभो पर प्रकाश डाला। 

संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन संस्कृतशिक्षण व गृहे-गृहे संस्कृत अत्यंत उत्तम योजनाएं हैं जिससे अनेकों प्रशिक्षु लाभान्वित हो चुके हैं व निरन्तर लाभ ले रहे हैं। संस्थान के प्रशिक्षिक विनय शुक्ल ने समागतों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यालय की ओर से प्रशासनिक  अधिकारी डॉ० दिनेश मिश्र, श्री जगदानंद झा, योजना प्रमुख भगवानसिंह चौहान, लेखाकार नितेश श्रीवास्तव , आशुलिपिक वीरेंद्र तिवारी, सहायिका पूनम मिश्रा, अन्य सहयोगी ऋषभ पाठक, शान्तनु मिश्र, शिवम गुप्ता,।

    योजना के क्रियान्वयन गण मे सुधिष्ठ कुमार मिश्र के मार्ग दर्शन में समन्वयकगण धीरज मैठाणी, दिव्यरंजन तथा राधा शर्मा आदि ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया। सत्र समायोजन में संस्थान के प्रशिक्षक  अमित कुमार तिवारी, अजय कुमार अनीता पाण्डेय, विनय शुक्ल , डॉ० श्वेता बरनवाल इत्यादि ने विशिष्ट भूमिका का निर्वहन किया। सोनम गोस्वामी  व गुरूकुल छात्रा ने सुमधुर संस्कृत गीत प्रस्तुत किएं। प्रशिक्षु अरूण तिवारी ने संस्कृत कक्षा से सम्बन्धित अपना अनुभव सबके समक्ष साझा करते हुये योग की उपयोगिता बताई । प्रशिक्षु आशा ने कक्षागत अनुभव बताया।  तथा अन्य प्रशिक्षु व सामाजिकजन ऑनलाइन माध्यम से समुपस्थित थे। प्रशिक्षु सोनम ने शान्ति मन्त्र का उच्चारण करते हुये सत्र का समापन किया गया।

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संचालित प्रथम स्तर की संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा के लिए पञ्जीकरण लिंक - https://sanskritsambhashan.com/ जिन छात्रों ने प्रथम स्तर की कक्षा कर ली है, वे द्वितीय स्तर की संस्कृत भाषा शिक्षण के लिए इस  लिंक पर क्लिक कर अपना स्थान सुनिश्चित करें। https://sanskritsambhashan.com/second_level_reg.php

-डॉ० श्वेता-बरनवाल

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