झारखण्ड - देशव्यापी किसानों के समर्थन में आयोजित किसान अधिकार दिवस पर राजभवन मार्च के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी स्पीक अप फोर किसान अधिकार के तहत सोशल मीडिया पर कैंपेन भी चलाया गया। झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी सोशल मीडिया के कोर्डिनेटर गजेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक दल नेता आलमगीर आलम,मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू सहित कांग्रेस जनों ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो अपलोड किया गया जिसमें कहा गया है कि भारत में विभिन्न नामों से मनाए जाने वाले फसल उत्सव का समापन हुआ है और यह एक विडंबना है कि भारत के किसान राष्ट्रीय राजधानी में न्याय के लिए आंदोलनरत हैं।घमंडी भाजपा सरकार अहंकार में चूर है और विरोध प्रदर्शनों में 60 से अधिक किसानों के मरने के बावजूद किसानों की दुर्दशा के प्रति उदासीन है। मोदी सरकार ने भारत के किसानों की बात मानने से ही इंकार कर दिया। भाजपा इतनी अहंकारी है कि किसानों द्वारा अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने के बावजूद, उसने नागरिकों पर बोझ डालने के लिए तेल की कीमतों में वृद्धि कर दी है। इस वृद्धि के साथ ही भारत में तेल की कीमतें न केवल पिछले 73 वर्षों में सबसे अधिक हैं, बल्कि भारत में भी दुनियाभर में तेल पर सबसे अधिक टैक्स है। इसको इस तरह समझा जा सकतता हैं... मई 2014 में, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ₹9.20 प्रति लीटर था, जबकि आज यह ₹32.98 प्रति लीटर है। इसी तरह, मई 2014 में डीजल पर उत्पाद शुल्क जो ₹3.46 प्रति लीटर था, आज ₹31.83 प्रति लीटर है। वास्तव में, पिछले छह वर्षों में, मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क 820% बढ़ा दिया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 110 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 50 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं। हमें भारत के किसानों और आम नागरिकों का समर्थन करना चाहिए और अपनी आवाज बुलन्द करनी चाहिए ताकि भाजपा सरकार विरोध प्रदर्शनों को नजरअंदाज करने की अपनी नीति को जारी न रख सके। इस संबंध में गजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में मांग करते हुए कांग्रेस जनों द्वारा सोशल मीडिया पर कांगेस नेताओं का वीडियो भी अपलोड किया गया जिसमें मांग की गई कि 1.भाजपा को भारत के 62 करोड़ किसानों की तरफ ध्यान देना चाहिए और उन तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करना चाहिए जो बिना किसी बहस के पारित किए गए थे। 2. ईंधन की कीमतों को केन्द सरकार अविलम्ब कम करें और वित्तीय प्रबंधन और सभी मोर्चों पर भाजपा की नाकामी के लिए भारत के नागरिकों पर बोझ डालना बंद करें।
झारखण्ड ब्यूरो
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