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मान्धाता कोतवाली में दलालों का ऐसा बोलबाला कि पीड़ित परेशान,  सुबह से ही थाने में डट जाते हैं दलाल, जमकर होती है अवैध वसूली ,  मान्धाता कोतवाली के मेन गेट पर लिखें "दलाल प्रवेश वर्जित है" उस पर सफेद चूने से पुतवाया गया . प्रतापगढ़ जिले के कोतवाली मान्धाता में दलालों का बोलबाला है ,सुबह होते ही दलाल थाने में डेरा जमा लेते हैं और देर रात को ही थाने से घर जाते हैं. पीड़ित की तहरीर पुलिस से पहले दलालों के हाथ में पहुंचती है , उसके बाद दलाल संतुष्ट हुआ तो तहरीर पर कार्रवाई की जाती है . सरकार की छवि धूमिल कर रहे दलालों और उनके संरक्षण दे रहे पुलिसकर्मियों की शिकायत लोगों द्वारा कई बार की गई लेकिन कोई जिम्मेदार ध्यान देने को तैयार नहीं . वही दलाल पूरे दिन कोतवाली में रखकर पीड़ितों की शिकायत सुनता है और दोनों पक्षों से रुपए एंठता है,  कोतवाली मांधाता में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों व दरोगा से मधुर संबंधों के चलते वह मनचाहे फैसले कराता रहता है और वहीं कोतवाली के बाहर रखा रहने वाला आगंतुक रजिस्टर तो जैसे मजाक बनकर रह गया है . पूरे दिन थाने में जमे रहने के बावजूद रजिस्टर में दलालों के नाम की एंट्री नहीं की जाती. जिले के तेजतर्रार कप्तान सतपाल अंतिल अपने पुलिसकर्मियों की कार्यशैली में सुधार लाने के दिशा निर्देश तो जारी कर दिए मगर शायद उन्हें यह नहीं मालूम कि उनके दिशा निर्देश के बावजूद भी कोतवाली मांधाता में दलालों का जमावड़ा लगा रहता है . तहरीर व एफ.आई.आर दर्ज कराने से लेकर छोटी मोटी वारदातों के अपराधियों को छुड़वाना इन दलालों के बाएं हाथ का खेल है यही कारण है कि पुलिस और पब्लिक का रिश्ता हमेशा से ही भय वाला बना रहता है.


 संवाददाता,  शिव कुमार शास्त्री

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