1989 में सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ कराची टेस्ट से इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण किया था.
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली पारी के बाद सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था. सचिन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया हैं. सचिन ने बताया कि कराची टेस्ट में पहली पारी के बाद उन्हें महसूस हो रहा था कि ये उनकी आखिरी पारी होगी. इस मुकाबले में उनके लिए कुछ भी सही नहीं हो रहा था.
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली पारी के बाद सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था. सचिन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया हैं. सचिन ने बताया कि कराची टेस्ट में पहली पारी के बाद उन्हें महसूस हो रहा था कि ये उनकी आखिरी पारी होगी. इस मुकाबले में उनके लिए कुछ भी सही नहीं हो रहा था.
'मैं ड्रेसिंग रूम में आया और सोच रहा था कि यह मेरे बस की बात नहीं है. मैंने ड्रेसिंग रूम में बहुत लोगों से बात की. सभी का कहना था कि मुझे विकेट पर कुछ वक्त गुजारना चाहिए. यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट है. आप संभवतः दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण को खेल रहे हैं. उन्हें सम्मान दो. मेरी जिंदगी की दूसरी पारी में मैंने 59 रन बनाए. हम फैसलाबाद में खेल रहे थे. मैं वापस ड्रेसिंग रूम में लौटा और आईने के सामने खड़े होकर खुद से कहा, तुमने कर दिखाया.'
सचिन ने इसी इंटरव्यू में बताया, 'मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम पर जमाया तिहरा शतक उनकी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण पारी में से एक थी. उस वक्त मेरी पारी को गावस्कर सर, दिलीप वेंगसरकर और और राज भाई (राजसिंह डूंगरपुर) देखने के लिए आए थे. ये सारी बड़ी शख्सियत मुझे देखने के लिए आई थीं.'
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